चिलचिलाती गर्मी में कंबल वितरण से मचा सियासी बवाल
बीजेपी नेता सुरेन्द्र मेहता का वीडियो वायरल, विरोधियों ने साधा निशाना

बेगूसराय  — बिहार में चिलचिलाती गर्मी के बीच एक अजीबोगरीब दृश्य देखने को मिला जब प्रदेश के खेल मंत्री और बछवाड़ा विधानसभा क्षेत्र से बीजेपी विधायक सुरेन्द्र मेहता ने अपने क्षेत्र के अहियापुर गांव में सैकड़ों गरीबों के बीच कंबल बांट दिए। 40 डिग्री तापमान के बीच हुए इस कार्यक्रम का वीडियो सोशल मीडिया पर तेजी से वायरल हुआ, जिसके बाद राजनीतिक गलियारों में हलचल मच गई।

मौका था भारतीय जनता पार्टी के स्थापना दिवस (6 अप्रैल) का, जिसे मनाने के लिए एक भव्य आयोजन किया गया था। इस अवसर पर मंत्री मेहता ने करीब 700 जरूरतमंदों के बीच ‘अंग वस्त्र’ और कपड़े वितरित किए। लेकिन जब कंबल बांटते हुए मंत्री का वीडियो सामने आया, तो विपक्ष ने इसे ‘चुनावी स्टंट’ करार दिया।

“जनता का सम्मान किया है” – मंत्री मेहता
कार्यक्रम के बाद सोशल मीडिया पर पोस्ट किए गए एक वीडियो में मंत्री ने कहा था, “दुनिया की सबसे बड़ी पार्टी के 45वें स्थापना दिवस पर हमने गरीबों को सम्मान स्वरूप अंग वस्त्र अर्पित किए।” हालांकि, विवाद बढ़ने के बाद यह पोस्ट डिलीट कर दी गई।

विपक्ष ने उठाए सवाल
राष्ट्रीय जनता दल (राजद) के नेता निरंजन यादव ने तंज कसते हुए कहा, “मुख्यमंत्री नीतीश कुमार के बाद अब उनके मंत्री भी अजीबोगरीब हरकतों से जनता को भ्रमित कर रहे हैं। गर्मी में कंबल बांटना कहीं से भी समझदारी नहीं है। यह गरीबों को बहलाने की कोशिश है।”

जदयू ने किया बचाव
वहीं, सत्तारूढ़ गठबंधन में शामिल जनता दल यूनाइटेड (जदयू) के नेताओं ने मंत्री का बचाव करते हुए कहा कि यह कंबल नहीं बल्कि पारंपरिक चादरें थीं, जिन्हें अंग वस्त्र के रूप में बांटा गया था। “मामले को बेवजह तूल दिया जा रहा है,” जदयू प्रवक्ता ने कहा।

चुनावी माहौल में बदला कार्यक्रम का रंग
बिहार में इसी साल अक्टूबर-नवंबर में विधानसभा चुनाव होने हैं। ऐसे में इस पूरे घटनाक्रम को विपक्ष सरकार की ‘गरीब हितैषी’ छवि गढ़ने की कोशिश के रूप में देख रहा है। सियासी गलियारों में इस बात की भी चर्चा है कि सोशल मीडिया पर बढ़ते दबाव और आलोचनाओं के चलते मंत्री को अपनी पोस्ट हटानी पड़ी।

गर्मी में कंबल या चादर, सवाल बना जनता के बीच चर्चा का विषय
अब यह तय करना मुश्किल हो गया है कि लोगों को वास्तव में कंबल मिले या चादरें, लेकिन जो तस्वीरें और वीडियो सामने आए हैं, उन्होंने मंत्री की मंशा और कार्यक्रम की योजना पर सवाल जरूर खड़े कर दिए हैं।

 

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