दिल्ली के महिला हॉस्टल में बुनी गई डर और दर्द की कहानी, ‘खौफ’ ने छोड़ी गहरी छाप
ओटीटी प्लेटफॉर्म पर हाल ही में रिलीज हुई सीरीज ‘खौफ’ ने हॉरर प्रेमियों के बीच खास चर्चा बटोरी है। दिल्ली के एक महिला हॉस्टल की पृष्ठभूमि पर आधारित इस सीरीज में जहां एक ओर अलौकिक डर का एहसास कराया गया है, वहीं दूसरी ओर मानसिक स्वास्थ्य, पितृसत्ता और भीतर छुपे जख्मों को भी गहराई से उकेरा गया है।
मुख्य भूमिका में नजर आईं मोनिका पंवार ने अपने सधे हुए अभिनय से दर्शकों को बांधे रखा। वहीं, चर्चित सिनेमैटोग्राफर पंकज कुमार के भूतिया विजुअल्स और कसे हुए साउंड डिजाइन ने कहानी के रहस्यमय माहौल को और भी प्रभावशाली बना दिया।
सीरीज की शुरुआत बेहद दमदार है, जिसमें कुछ दृश्यों ने वाकई रोंगटे खड़े कर दिए। हालांकि, जैसे-जैसे कहानी आगे बढ़ती है, अतिरिक्त उपकथाओं और अचानक आए टोनल बदलाव के चलते इसका प्रभाव थोड़ा कमजोर पड़ता है। बावजूद इसके, ‘खौफ’ अपने साहसी विषयों और भावनात्मक गहराई के कारण औसत हॉरर प्रस्तुतियों से काफी ऊपर उठती है।
ओटीटी दर्शकों के लिए यह सीरीज एक अलग अनुभव है, जो डर के साथ सोचने पर भी मजबूर करती है।